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Tuesday, November 30, 2010

<<<< दिल की आवाज़ >>>>



आज ये दिल कहेता है ,








तू
अब लौट चल गुज़रती नहीं है ,

मेरी कोई भी पल मुझको यहाँ से ले चल , आज ये दिल

कहेता है , तू अब लौट चल


वोह मंजिल यहाँ नहीं मिलेगी , जिसे तुझे तलाश है ,

वोह मंज़र यहाँ नहीं दिखेगा ,

जो
तेरे दिल के आस पास है ,

मिलती
नहीं है मुझे यहाँ कोई भी हल , मुझको

यहाँ से ले चल , आज ये दिल कहेता है ,

तू
अब लौट चल


वैसे लोग यहाँ नहीं है ,

जिनको
धुंड रहा है तू,

यहाँ
लोग वैसे नहीं है,

जिनसे
जुड़ रहा है तू,

बनेगा यहाँ मेरे सपनो का महल,

मुझको
यहाँ से ले चल,

आज
ये दिल कहेता है ,

तू अब लौट चल .

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