My Blog List

Saturday, June 18, 2011

मेरी माँ


उमर भर सीने से लगा कर पला है माँ ने
ग़लत बातो पे थोड़ा थोड़ा मारा है माँ ने ,

अभी तक वो बचपने की यादें हैं बाकी
और वो बचपने की बातें हैं बाकी ,

के जब में ने बोला था माँ पहली बार
माँ की आँखों में भरा था कितना प्यार ,

पैदा हुआ था तो कुछ नहीं था में
माँ की वजह से आज हूँ क्या क्या में ,

लालच तो कुछ नहीं मेरी माँ को मगर
अच हो जो देदूँ दिल तोहफे में अगर ,

माँ को छोड़ते हैं ऐसे कुछ लोग होते हैं
फिर औरो के लिये वो हमेशा ख़ुस होते हैं,

कुछ लोगो के लिए माँ को छोड़ते नहीं
चाहे कुछ हो जाये मुंह मोड़ते नहीं ,

माँ से हमेशा हमें सुख मिलते हैं
फिर भी उस को हमसे दुःख मिलते हैं ,

काश कुर्बान करूं में सब उस की सदा पे
और वो मुझे प्यार करे मेरी इससी अदा पे ,

माँ से मुझे मेरी कोई जुदा करे
करू प्यार किसी और से खुदा कराय !!